मेरठ से करीब 20 किलोमीटर दूर किठौर के माछरा गांव में बुधवार को अचानक आसमान से गोले गिरने से अफरातफरी का माहौल बन गया.
जनसत्ता
में छपी ख़बर के मुताबिक थाना किठौर ने ये जानकारी पुलिस नियंत्रण कक्ष को दी, इसके बाद फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुँची और उन गोलों को कब्जे में लिया. पुलिस क्षेत्राधिकारी चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि इन दिनों हिंडन एयरबेस पर आठ अक्टूबर को वायुसेना दिवस पर होने वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए अभ्यास किया जा रहा है. माना जा रहा है कि यह एयरक्राफ्ट इसी अभ्यास का ही हिस्सा रहा होगा.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि पूरे मामले में स्थिति स्पष्ट होने के लिए फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है.
कुछ ग्रामीणों का कहना है कि इन गोलों की आवाज़ काफ़ी तेज़ थी और एक ग्रामीण के छप्पर में आग भी लगी.
त्रिपुरा में स्वतंत्र देश की मांग कर रहे दो अलगाववादी समूहों पर सरकार ने नए प्रतिबंध लगा दिए हैं.
गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ़ त्रिपुरा और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स पर नए प्रतिबंध लगाने की बात कही है.
मंत्रालय का कहना है कि ये समूह सरकार के अधिकार को चुनौती दे रहे हैं और अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लोगों के बीच डर और हिंसा फैला रहे हैं.
रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंच चुके हैं. गुरुवार को दिल्ली के एयरपोर्ट पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उनका स्वागत किया.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वो शुक्रवार को 19वीं द्विपक्षीय वार्षिक शिखर बैठक करेंगे, जिसमें 5 अरब डॉलर के बहुचर्चित S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम पर सौदा संभव है.
हितों के टकराव के आरोपों की जांच में घिरीं आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा से दिया है.
उनका कार्यकाल छह महीने और बचा था. कोचर और उनके परिवार के सदस्यों पर वीडियोकॉन समूह को कथित रूप से परस्पर लाभ पहुंचाने के आधार पर बैंक से लोन मुहैया कराने का आरोप हैं.
कोचर के इस्तीफे के बाद संदीप बख्शी बैंक के नए प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे.
अमरीकी सुप्रीम कोर्ट के लिए नामित जज के ख़िलाफ़ यौन हमले के आरोपों पर आई एफबीआई की रिपोर्ट को लेकर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सीनेटर आमने-सामने हैं.
रिपब्लिकन सीनेटर जेफ़ फ़्लेक और सुज़न कॉलिन्स ने कहा कि रिपोर्ट से उनकी चिंता कम हुई है. जबकि कुछ डेमोक्रेट सीनेटरों ने एफबीआई की रिपोर्ट की निंदा की है.
उनमें से एक डेमोक्रेट ने आरोप लगाया कि व्हाइट हाउस ने एफबीआई के हाथ बांध दिए हैं, जिसकी वजह से वह अपना काम ठीक से नहीं कर पा रही.
भारत के पहले समाचार पत्र की स्थापना
साल 1780 में हुई थी. उस समाचार पत्र ने उस वक़्त अंग्रेज़ साम्राज्य को
आईना दिखाने के काम किया था. उसने हुकूमत को प्रेस की ताक़त का एहसास
करवाया था.
बात हो रही है 'बंगाल गज़ट' की जिसे भारत से प्रकाशित
होने वाले पहले अख़बार का दर्ज़ा प्राप्त है. बंगाल गज़ट की शुरुआत जेम्स
ऑगस्टस हिक्की ने की थी.उस वक़्त इस अखबार ने अपनी ख़बरों से अंग्रेज़ हुकूमत के शीर्ष पर मौजूद कई ताक़तवर लोगों को हिला कर रख दिया था.
अपनी ख़बरों के दम पर बंगाल गज़ट ने कई लोगों के भ्रष्टाचार, घूसकांड और मानवाधिकार उल्लंघनों को उजागर किया था.
अपने इन्हीं दावों में से एक दावे में बंगाल गज़ट ने उस वक़्त भारत के गवर्नर जनरल वॉरेन हेस्टिंग्स पर आरोप लगाया था कि उन्होंने भारतीय सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस को घूस दी है.
इस अख़बार में भारत के ग़रीबों का ज़िक्र किया जाता था. उन सैनिकों की ख़बरें प्रकाशित की जाती थीं जो ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की तरफ से युद्ध में लड़ते हुए मारे गए.
ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के लगभग समूचे हिस्से पर अपनी सत्ता फैला ली थी, इसके साथ ही कंपनी के सैनिक भी सभी जगह तैनात रहते थे.
हालांकि साल 1857 की क्रांति ने अंग्रेज़ों को चौकन्ना ज़रूर कर दिया था. ऐसा भी कहा जाता है कि 1857 की क्रांति के लिए बंगाल गज़ट ने ही भारतीय सैनिकों को विद्रोह के लिए तैयार किया था और हेस्टिंग्स के ख़िलाफ़ जाने के लिए उनके भीतर ज्वाला भरी थी.
बंगाल गज़ट अपनी प्रभावी पत्रकारिता के ज़रिए अंग्रेज सरकार की आंखों में चुभने लगा था, ख़ासतौर पर वॉरेन हेस्टिंग्स इससे सबसे अधिक प्रभावित थे.
इसका नतीज़ा यह हुआ कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल गज़ट के मुकाबले में एक दूसरे प्रतिस्पर्धी अख़बार पर पैसा लगाना शुरू कर दिया. हालांकि वह बंगाल गज़ट की आवाज़ पर रोक नहीं लगा सके.
आखिरकार, जब अखबार में एक अज्ञात लेखक ने यह लिख दिया कि 'सरकार हमारे भले के बारे में नहीं सोच सकती तो हम भी सरकार के लिए काम करने के लिए बाध्य नहीं हैं', तब ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस अख़बार को बंद करने का फ़ैसला सुना दिया.
दूसरी तरफ हेस्टिंग्स ने हिक्की पर परिवाद का मुकदमा दायर कर दिया. हिक्की को दोषी पाया गया और उन्हें जेल जाना पड़ा.
लेकन जेल जाने के बाद भी हिक्की के हौसले पस्त नहीं हुए. वो जेल के भीतर से ही 9 महीनों तक अख़बार निकालते रहे.
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट को एक विशेष आदेश के ज़रिए उनकी प्रिंटिंग प्रेस को ही सील करवाना पड़ा. इस तरह भारत का पहला समाचार पत्र बंद हो गया.