Thursday, March 14, 2019

क्या ये भारत की कूटनीतिक हार है?

गोविंद सिंह ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा, "पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष ने सिखों से वादा किया है कि काम हर हाल में और जल्द-से-जल्द पूरा होगा." उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में इस बात का ध्यान रखा गया है कि बाबा नानकदेव से जुड़ी किसी चीज़ को कोई नुकसान न हो.
करतारपुर गलियारा खुलने से सिख यात्रियों को काफ़ी सुविधा होगी, फ़िलहाल उन्हें पाकिस्तान जाकर भीतर की तरफ़ से गुरुद्वारे तक आना पड़ता है जबकि वे कोरिडर के खुलने पर भारत की तरफ़ से पैदल भी गुरुद्वारे तक जा सकेंगे.
ऐसा नहीं है कि इससे सिर्फ़ सिख ही खुश हैं, पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाके के लोगों में भी काफ़ी ख़ुशी है, डोडा गांव के रफ़ीक मसीह कहते हैं, "पहले यह जगह जंगल की तरह थी लेकिन अब पहचान में नहीं आती, इस बदलाव से आपसास के हज़ारों परिवारों को फ़ायदा होगा. यहां सड़क, स्कूल, अस्पताल, मॉल सब बनेंगे, कारोबार होगा, लोगों को रोज़गार मिलेगा."
31 अगस्त 2019 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
चीन ने एक बार फिर चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अज़हर को 'वैश्विक आतंकवादी' घोषित करने की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कोशिश पर रोक लगा दी है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की ब्लैक लिस्ट में शामिल करने का प्रस्ताव पेश किया गया था, लेकिन बुधवार को चीन ने इस प्रस्ताव को वीटो कर दिया.
इससे पहले, चीन तीन बार मसूद अज़हर को 'वैश्विक आतंकी' घोषित करने के प्रयासों पर 'टेक्निकल होल्ड' लगा चुका है. ये 'टेक्निकल होल्ड' नौ महीने तक प्रभावी होगा इसके बाद इस प्रस्ताव को फिर पेश किया जा सकता है.
नौ महीने बाद अगर चीन चाहे तो सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य होने के कारण वीटो अधिकार का इस्तेमाल कर प्रस्ताव को फिर गिरा सकता है.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक सुरक्षा परिषद को दिए अपने पत्र में चीन ने कहा है कि वो मसदू अज़हर पर प्रतिबंध लगाने की अपील को समझने के लिए और समय चाहता है.
इस सवाल पर अतुल अनेजा कहते हैं, "अगर इसे आप शॉर्ट टर्म के नज़रिए से देखें तो कहा जा सकता है कि ये हार है, लेकिन मसूद अज़हर और आतंकवाद का मसला लॉन्ग टर्म मसला है. इसे एक बार फिर चीन की ओर से इसे रोका गया है. चीन ने इस पर टेक्निकल होल्ड लगाते हुए इस मसले को रोका है. लेकिन चीन लॉन्ग टर्म कूटनीति कर रहा है क्योंकि वो भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की बात कर रहा है."